Uttarkashi: जनपद आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है। फिर भी जनपद मुख्यालय में गंगा नदी या सहायक नदियों के मुहाने पर बेखौफ धड़ल्ले से बड़े-बड़े भवनों का निर्माण चल रहा है। लेकिन कार्यवाही के नाम पर जिला प्रशासन मौन बैठा है।
आपदाओं का इतिहास और वर्तमान स्थिति
बताते चलें कि जनपद में 2012 और 2013 में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में भीषण जल प्रलय (बाढ़) आई थी, जिसमें सैकड़ों की संख्या में नदी किनारे बने बड़े-बड़े भवन नदी में बह गए थे। लेकिन फिर भी नदियों के किनारे जनपद में धड़ल्ले से बड़े-बड़े भवनों का निर्माण हो रहा है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि यह क्षेत्र पहले से ही आपदा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है।
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Uttarkashi: आपदा प्रबंधन की चेतावनी
आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है कि जनपद आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है और नदियों के किनारे बड़े-बड़े भवनों का निर्माण बिल्कुल गलत है। लोगों को आपदा के पिछले इतिहास के बारे में जानकारी होनी चाहिए और फिर सुरक्षित स्थानों पर भवनों का निर्माण करना चाहिए।
प्रशासन की निष्क्रियता
बड़ा सवाल यही है कि नदी किनारे धड़ल्ले से चल रहे भवन निर्माण की अनुमति कौन दे रहा है। यदि अतिवृष्टि से नुकसान हुआ तो जिम्मेदार कौन होगा? प्रशासन की निष्क्रियता से सवाल उठते हैं कि क्या विकास के नाम पर जानबूझकर इन खतरों की अनदेखी की जा रही है?
Uttarkashi: नदी किनारे भवन निर्माण की अनुमति पर सवाल
यह चिंता का विषय है कि प्रशासनिक लापरवाही से बड़े-बड़े भवनों का निर्माण हो रहा है। ऐसे निर्माण कार्यों के लिए अनुमति देने वाले अधिकारी कौन हैं और क्या वे इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को अनदेखा कर रहे हैं? ये सवाल स्थानीय जनता और पर्यावरणविदों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।
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सुरक्षित निर्माण के लिए सुझाव
आवश्यक है कि भवन निर्माण के लिए सुरक्षित स्थानों का चयन किया जाए। आपदा प्रबंधन विभाग को सख्त निर्देश देने चाहिए कि वे नदी किनारे निर्माण कार्यों पर निगरानी रखें और उन्हें रोके। साथ ही, आम जनता को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वे सुरक्षित स्थानों पर ही अपने घरों और व्यवसायिक भवनों का निर्माण करें।
Uttarkashi: स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और निर्माण की अनुमति देने में हो रही धांधली के कारण उनका जीवन खतरे में है। यदि भविष्य में कोई भी आपदा घटती है, तो उसके लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार होगा। लोगों ने मांग की है कि इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और नदी किनारे हो रहे अवैध निर्माण कार्यों को तुरंत रोका जाए।
Uttarkashi: समाप्ति
उत्तरकाशी में हो रहे अवैध निर्माण कार्यों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए और आपदा प्रबंधन के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और सुरक्षित भविष्य के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
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