इसे "राजराजेश्वरम" भी कहा जाता है और यह 11वीं सदी में चोल वंश द्वारा बनवाया गया था। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
13वीं सदी में निर्मित यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और इसकी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।