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तिरंगा केवल राष्ट्रीय ध्वज के रूप में ही उपयोग करना चाहिए।
ध्वज को हमेशा सही स्थिति में फहराएं – ऊपरी हिस्से में संतरी, फिर सफेद और सबसे नीचे हरा रंग होना चाहिए।
तिरंगा हमेशा सम्मान के साथ फहराना चाहिए।
तिरंगे की सलामी में सम्मानपूर्वक खड़े हो जाना चाहिए।
झंडे को कभी भी जमीन या पानी पर नहीं गिरने देना चाहिए।
झंडे को साफ-सुथरे ढंग से और सूखी जगह पर रखना चाहिए।
ध्वज के डिज़ाइन या रंग में परिवर्तन करने से बचना चाहिए।
तिरंगे का रंग हल्का या धुंधला नहीं होना चाहिए।
तिरंगे को आधे में नहीं मुड़ने देना चाहिए।
झंडा हमेशा सही आकार और अनुपात में होना चाहिए।
ध्वज को केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जाना चाहिए।
ध्वज को किसी पोशाक या सजावट के भाग के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।
भारतीय झंडा संहिता के अनुसार, कट-फटे तिरंगे को दफना देना चाहिए या फिर उसे एकांत में कहीं जलाकर नष्ट कर देना चाहिए।