Jammu Kashmir Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद हो रहे विधानसभा चुनावों में कश्मीरी पंडितों की ‘घर वापसी’ और पुनर्वास का मुद्दा फिर से प्रमुख चुनावी एजेंडा बन गया है। दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय की मांग है कि उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कश्मीरी पंडितों के लिए पुनर्वास योजना शुरू करने का वादा किया है, जिससे यह मुद्दा चुनावों में और भी अहम हो गया है।
पहले चरण के चुनावों में कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं, ताकि वे चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। इस समुदाय के वोटरों का मानना है कि यह चुनाव उनके पुनर्वास और ‘घर वापसी’ की मांगों को पूरा करने का एक अवसर हो सकता है।
कश्मीरी पंडितों के लिए केवल पुनर्वास ही नहीं, बल्कि रोजगार, विकास और विस्थापन के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान भी जरूरी है। इस चुनाव में उनकी भागीदारी से उम्मीद की जा रही है कि उनके मुद्दों पर अब राजनीतिक दल गंभीरता से ध्यान देंगे और ठोस नीतियां बनाई जाएंगी।
Jammu Kashmir Elections 2024: कश्मीरी पंडितों की ‘घर वापसी’ की मांग
Jammu Kashmir Elections 2024: कश्मीरी पंडित, जो दशकों से अपने घरों से विस्थापित हैं, ने अपनी प्रमुख मांग ‘घर वापसी’ को फिर से चुनावी मुद्दा बनाया है। वे चाहते हैं कि उन्हें कश्मीर घाटी में सुरक्षित और सम्मानजनक पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। लंबे समय से अपने अधिकारों और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे इस समुदाय का कहना है कि अब राजनीतिक दलों को उनके मुद्दों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कश्मीरी पंडितों की यह मांग है कि उनके लिए एक संरचित और सुरक्षित पुनर्वास योजना बनाई जाए ताकि वे अपने घरों में शांति और सम्मान के साथ लौट सकें। उनका मानना है कि वर्षों से लंबित इस मुद्दे का समाधान अब राजनीतिक पार्टियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
चुनावों में कश्मीरी पंडितों की भूमिका
पहले चरण के चुनावों में कश्मीरी पंडितों के लिए जम्मू में 19 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि यह समुदाय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सके। विशेषज्ञों का मानना है कि कश्मीरी पंडितों के वोट इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस समुदाय का बढ़ता मतदान राजनीतिक दलों को उनके पुनर्वास और अन्य मुद्दों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकता है। कई कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई है कि इन चुनावों के माध्यम से उनके पुनर्वास के मुद्दे को प्राथमिकता दी जाएगी और उनके लिए नई नीतियां बनाई जा सकती हैं।
कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाना यह दिखाता है कि उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस चुनाव में उनकी भागीदारी से उनके दीर्घकालिक समस्याओं पर समाधान की उम्मीद की जा रही है।
हमारी समस्याओं पर ध्यान दें’ – कश्मीरी पंडितों की अपील
इंडिया टीवी से खास बातचीत में एक कश्मीरी पंडित ने समुदाय की समस्याओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “कश्मीरी पंडितों ने दशकों से बहुत सी समस्याओं का सामना किया है, लेकिन किसी ने कभी हमारी परवाह नहीं की। हमारे विस्थापन, रोजगार की कमी और पुनर्वास जैसे गंभीर मुद्दों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”
इस कश्मीरी पंडित ने समुदाय के अन्य सदस्यों से अपील करते हुए कहा, “मैं सभी कश्मीरी पंडितों से आग्रह करता हूं कि वे चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने अधिकारों के लिए मतदान करें। हमें उस उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए जो हमारे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगा, खासकर हमारी ‘घर वापसी’ और सुरक्षित पुनर्वास की मांग पर ध्यान देगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनके दीर्घकालिक मुद्दों को समाधान की दिशा में ले जाया जा सकता है। “अगर हम बड़ी संख्या में मतदान करेंगे और अपने मुद्दों पर स्पष्ट रूप से बात करेंगे, तो राजनीतिक दल हमारे पुनर्वास और सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।”
यह अपील समुदाय के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से की गई थी।