Delhi: Rakesh Tikait, इस बजट से किसानों को कम, उद्योगपतियों को ज्यादा फायदा होगा

Delhi: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रमुख राकेश टिकैत ने बजट 2024 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट से किसानों को अपेक्षाकृत कम और उद्योगपतियों को ज्यादा फायदा होगा। टिकैत ने कहा कि किसानों को सीधा लाभ देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने की आवश्यकता है।

टिकैत का बयान:

राकेश टिकैत ने कहा, “इस बजट का किसानों को ज्यादा लाभ नहीं होगा, लेकिन उद्योगपतियों को ज्यादा फायदा होगा। किसानों को सीधा लाभ देने के लिए प्रावधान करना होगा।” उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बजट में विशेष प्रावधान करने चाहिए थे।

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किसानों की समस्याएं:

टिकैत ने बताया कि किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें महंगाई, कर्ज, फसल की उचित कीमत न मिलना और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए बजट में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए थे।

उद्योगपतियों को फायदा:

टिकैत ने कहा कि बजट में उद्योगपतियों को कई प्रकार की सुविधाएं और रियायतें दी गई हैं, जो कि किसानों की तुलना में अधिक हैं। उन्होंने कहा कि यह असंतुलन किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे उनकी स्थिति और खराब हो सकती है।

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कृषि क्षेत्र की स्थिति:

भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए कई पहल की गई हैं, लेकिन टिकैत का मानना है कि बजट में उन पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को सीधा लाभ देने वाली योजनाओं और कार्यक्रमों की आवश्यकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

सरकार का दृष्टिकोण:

हालांकि, सरकार ने बजट 2024 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। सरकार का कहना है कि इन योजनाओं से किसानों को लाभ मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।

निष्कर्ष:

Delhi: राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया ने बजट 2024 के विभिन्न पहलुओं पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए सीधा लाभ देने वाले प्रावधानों की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार कैसे इन मुद्दों का समाधान करती है और किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है। बजट का प्रभाव किसानों और उद्योगपतियों दोनों पर पड़ता है, इसलिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है ताकि सभी वर्गों को समान रूप से लाभ मिल सके।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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