Ministry Agriculture: भारत में फसल वर्ष 2023-24 में अनाज उत्पादन ने नए रिकॉर्ड कायम किए हैं। कृषि मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष चावल का उत्पादन 21 लाख टन बढ़कर 13.78 करोड़ टन तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष 13.57 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ था। वहीं, गेहूं का उत्पादन भी 27 लाख टन बढ़कर 11.32 करोड़ टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो 2022-23 में 11.05 करोड़ टन था।
कुल अनाज उत्पादन में वृद्धि
2023-24 में देश का कुल अनाज उत्पादन 33.22 करोड़ टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26.1 लाख टन अधिक है। यह वृद्धि चावल और गेहूं की बंपर फसल के कारण संभव हुई है। इससे पहले, 2022-23 में कुल 32.96 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ था।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
दलहन, तिलहन और अन्य फसलों में कमी
हालांकि, चावल और गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिली, लेकिन दलहन और तिलहन के उत्पादन में कमी दर्ज की गई। दलहन का उत्पादन 18 लाख टन घटकर 2.42 करोड़ टन रह गया, जबकि 2022-23 में 2.60 करोड़ टन दलहन का उत्पादन हुआ था। इसी प्रकार, तिलहन का उत्पादन 4.13 करोड़ टन से घटकर 3.96 करोड़ टन रह गया।
गन्ने और कपास उत्पादन में गिरावट
Ministry Agriculture: गन्ने का उत्पादन भी इस वर्ष 45.31 करोड़ टन पर आ गया, जो पिछले वर्ष 49.05 करोड़ टन था। कपास का उत्पादन 3.36 करोड़ गांठ से घटकर 3.25 करोड़ गांठ रह गया।
सूखे का प्रभाव
कृषि मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों में सूखे की स्थिति का उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। दाल, मोटे अनाज, सोयाबीन, और कपास का उत्पादन सूखे की वजह से कम हुआ है। इसके अलावा, राजस्थान में भी अगस्त में लंबे समय तक सूखा रहने के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ।
Ministry Agriculture: 2023-24 में अनाज उत्पादन में बंपर वृद्धि दर्ज की गई, खासकर चावल और गेहूं की फसल में। हालांकि, कई राज्यों में सूखे की स्थिति से कुछ फसलों के उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके चलते दलहन, तिलहन, गन्ना और कपास का उत्पादन कम हुआ है।