Mumbai: देश के सबसे बड़े कारोबारी ट्रस्ट टाटा संस के मानद चेयरमैन Ratan Tata का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनकी बढ़ती उम्र के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएँ थीं। रतन टाटा के निधन पर देशभर के लोगों में शोक की लहर है और उन्हें असीम सम्मान दिया जाता है।
रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाला और उस समय से ही उन्होंने समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की, जिसमें 1996 में टाटा सर्विसेज और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कंपनियों की स्थापना शामिल है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने टाटा समूह को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया।
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रतन टाटा को उनके विनम्र व्यवहार और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। वह फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे, जिसमें सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और अन्य ट्रस्ट शामिल हैं। उनके योगदान ने न केवल उद्योग जगत को प्रभावित किया, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाया।
उनके निधन से भारतीय उद्योग जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है, और उनकी विरासत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। देश ने एक महान नेता को खो दिया है, जिसकी यादें सदैव हमारे साथ रहेंगी।