Makar Sankranti 2025, 14 जनवरी को मनाया जाएगा, जो नई फसल के लिए आभार और एकता का प्रतीक है। यह त्योहार सर्दियों के अंत और एक नई कृषि चक्र की शुरुआत का संकेत देता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश और उत्तरायण यात्रा की शुरुआत को हिंदू संस्कृति में सकारात्मकता और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
मकर संक्रांति का पाक महत्व

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मकर संक्रांति के दौरान भोजन का विशेष महत्व है। भारत के हर कोने में इस त्योहार को अलग-अलग स्वाद और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। तिल, गुड़, चावल और दाल जैसे ताजे मौसमी सामग्रियों से बने व्यंजन समृद्धि और गर्मजोशी का प्रतीक हैं।
उत्तर भारत की खासियत
उत्तर भारत में तिल के लड्डू और गजक इस पर्व के मुख्य आकर्षण हैं। तिल और गुड़ से बने यह मीठे व्यंजन न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि सर्दियों में शरीर को गर्म भी रखते हैं। खिचड़ी, चावल और दाल से बनी यह सरल डिश घी के साथ परोसी जाती है और हर घर की पसंदीदा बन जाती है।
क्षेत्रीय व्यंजन जो त्योहार को खास बनाते हैं

तमिलनाडु: यहाँ इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मीठा पोंगल मुख्य आकर्षण होता है। चावल, गुड़, मूंग दाल और घी से बना यह व्यंजन काजू और किशमिश से सजाया जाता है।
गुजरात: यहाँ उत्तरायण पर्व पर उंधियू और जलेबी का लुत्फ उठाया जाता है। पतंगबाजी और स्वादिष्ट भोजन इस त्योहार को खास बनाते हैं।
बंगाल: पश्चिम बंगाल में पायेश, एक विशेष चावल की खीर, जो गुड़ और नारियल से बनाई जाती है, प्रमुख है। नोलन गुर से इसे खास स्वाद मिलता है।
महाराष्ट्र: पुरण पोली, गुड़ और मूंग दाल से भरी मीठी रोटी, यहाँ की पारंपरिक मिठाई है।
कर्नाटक: एल्लू-बेला, तिल, गुड़ और नारियल का मिश्रण, साझा भावना और एकता का प्रतीक है।
मिठाइयों का महत्व
मकर संक्रांति में मिठाइयों का प्रमुख स्थान है। तिलकुट और एल्लू-बेला जैसे व्यंजन जीवन की मिठास और आपसी प्रेम का प्रतीक हैं। दक्षिण भारत में पोंगल के दौरान पायसम, नारियल दूध, गुड़ और मसालों से बनी खीर, पर्व का मुख्य आकर्षण है।
एकता और आभार का उत्सव
मकर संक्रांति केवल त्योहार नहीं, बल्कि एक पाक यात्रा है। खिचड़ी, पायेश और पोंगल जैसे व्यंजन न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं, बल्कि यह प्रकृति के आशीर्वाद और जीवन के प्रति आभार व्यक्त करने का भी अवसर है।
इस मकर संक्रांति को यादगार बनाएं
पतंगों से भरे आसमान और तिल-गुड़ की मिठास से इस पर्व को खास बनाएं। अपने प्रियजनों के साथ त्योहार के पारंपरिक स्वादों का आनंद लें और एकता और समृद्धि का जश्न मनाएं।