Haryana: चुनाव आयोग ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पैरोल अनुरोध को मंजूरी दे दी थी। चुनाव आयोग की स्वीकृति के बाद, हरियाणा सरकार ने तुरंत उनकी रिहाई का आदेश जारी कर दिया। राम रहीम, जो बलात्कार मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं, अपने दो शिष्यों के साथ 20 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आ गए हैं।
रिहाई का स्थान और सुरक्षा
गुरमीत राम रहीम बुधवार सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर निकलकर कड़ी सुरक्षा के तहत उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा आश्रम के लिए रवाना हो गए। यह उनकी 15वीं बार है जब वे पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं पिछले चार वर्षों में।
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पैरोल की शर्तें और प्रतिबंध
चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद, हरियाणा सरकार ने राम रहीम की रिहाई का आदेश जारी किया। यह रिहाई 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले हुई। रिहाई की शर्तें निम्नलिखित हैं:
- उत्तर प्रदेश के बागपत में ही रहना: पैरोल अवधि के दौरान राम रहीम को हरियाणा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
- चुनाव गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेना: राम रहीम व्यक्तिगत रूप से या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते।
- अन्य प्रतिबंध: उनके ऊपर कई अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, जिससे वे चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न नहीं हो सकते।
पिछली फरलो और पैरोल का इतिहास
Haryana: राम रहीम की पिछली फरलो और पैरोल तमाम चुनावों के बीच हुई हैं। उदाहरण के तौर पर:
- फरवरी 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें तीन सप्ताह की फरलो दी गई थी।
- नागरिक एवं राज्य स्तर के चुनाव: वे नगर निकायों और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान जेल से बाहर आ चुके हैं।
हरियाणा और पंजाब में प्रभाव
Haryana और पंजाब में गुरमीत राम रहीम का काफी प्रभाव माना जाता है। उनकी रिहाई से इन राज्यों के आगामी चुनावों पर उनका प्रभाव और भी बढ़ सकता है। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के रूप में उनका राजनीतिक प्रभाव इन राज्यों में महत्वपूर्ण है।
बलात्कार मामले में सजा
गुरमीत राम रहीम पर बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा है। वे अपनी दो शिष्यों के साथ इस मामले में सजायाफ्ता हैं और वर्तमान में यह सजा काट रहे हैं।