Lucknow: उत्तर प्रदेश में शराब निर्माताओं को आगामी समय में 5000 करोड़ रुपये का भारी लाभ होने की संभावना जताई जा रही है। राज्य के शराब उद्योग के लिए यह एक महत्वपूर्ण विकास है, जिससे यूपी देश में डिस्टिलरी हब के रूप में उभर रहा है। यह बदलाव शराब कंपनियों के लिए आर्थिक दृष्टि से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि राज्य सरकार ने शराब के कच्चे माल, विशेष रूप से ईथेनॉल (ENA) को करमुक्त कर दिया है।
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ईएनए पर करमुक्ति का महत्व:
अब तक, ईएनए पर 12 फीसदी वैट लगाया जाता था, जबकि सरकार केवल अल्कोहल पर वैट ले सकती थी। ईएनए के अन्य औद्योगिक उपयोगों के कारण शराब कंपनियों ने इसे जीएसटी दायरे में शामिल करने की मांग की थी। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू हुआ, लेकिन शराब को इसके दायरे से बाहर रखा गया। इसके बाद, एक शराब कंपनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिससे अदालत ने आदेश दिया कि ईएनए पर वैट नहीं, बल्कि जीएसटी लगाया जाए। चूंकि जीएसटी कानून में शराब पर जीएसटी का कोई प्रावधान नहीं है, यूपी सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालांकि, मंगलवार को बजट में स्पष्ट कर दिया गया कि न तो शराब और न ही ईएनए पर जीएसटी लागू होगा। इससे पहले वैट भी नहीं लगाया जा रहा था।
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शराब से बढ़ते राजस्व:
यूपी सरकार को शराब से राजस्व प्राप्ति में लगातार वृद्धि देखी जा रही है:
- वित्त वर्ष 2022-23: 41,250 करोड़ रुपये
- वित्त वर्ष 2023-24: 47,600 करोड़ रुपये
- वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल से जून तक): 11,784 करोड़ रुपये
शराब निर्यात में यूपी की स्थिति:
उत्तर प्रदेश ने शराब निर्यात में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले पांच वर्षों में, यूपी शराब निर्यात में देश के प्रमुख 10 राज्यों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, आंध्र प्रदेश और गोवा को पीछे छोड़ते हुए। इस अवधि में 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, अल्कोहल और शराब उत्पादन दोगुना से अधिक हो गया है।
Lucknow: आगे की संभावनाएं:
शराब कच्चे माल पर करमुक्ति से कंपनियों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ हो सकता है, जिससे उत्पादन लागत में कमी आ सकती है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बदलाव से शराब की कीमतों पर कोई असर पड़ेगा या नहीं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां अपने लाभ को बढ़ा सकती हैं और उत्पादन को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भी लाभ हो सकता है।
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