Kanpur Commissionerate की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की सर्विलांस टीम (Surveillance Team) ने बड़ी सफलता हासिल की है। लंबे समय से लापता (Missing) हुए मोबाइल फोन (Mobile Phones) को ट्रैक कर वापस उनके मालिकों को सौंप दिया गया है।
सर्विलांस टीम की सफलता
सर्विलांस टीम ने लगभग 75 मोबाइल फोन (75 Mobile Phones) बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत 14 लाख 25 हजार रुपये (14.25 Lakh Rupees) है। इन फोन को ट्रैक करने के बाद लोगों को वापस सौंपा गया, जिससे उनके चेहरे खिल उठे (Faces Lit Up)।
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Kanpur Commissionerate: लोगों की प्रतिक्रियाएं
करीब एक से डेढ़ साल में चोरी (Stolen) या खोए (Lost) हुए मोबाइल फोन को वापस पाकर लोग बहुत खुश (Happy) हैं। इन फोन के मिलने से लोग न केवल आर्थिक रूप से लाभान्वित हुए हैं, बल्कि उनके महत्वपूर्ण डेटा और यादें (Important Data and Memories) भी वापस मिल गई हैं।
Kanpur Commissionerate: डीसीपी क्राइम की बाइट
Kanpur Commissionerate के डीसीपी क्राइम (DCP Crime) आशीष श्रीवास्तव (Ashish Srivastava) ने बताया, “हमारी सर्विलांस टीम ने अथक प्रयास (Tireless Efforts) करके यह सफलता हासिल की है। यह हमारे टीम की कड़ी मेहनत और तकनीकी दक्षता (Technical Expertise) का परिणाम है कि हम इतने सारे मोबाइल फोन को ट्रैक कर पाए और उन्हें उनके असली मालिकों तक पहुंचा सके।
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प्रक्रिया और चुनौतियाँ
Kanpur Commissionerate डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि मोबाइल फोन को ट्रैक करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य (Challenging Task) है, जिसमें तकनीकी ज्ञान (Technical Knowledge) और सतर्कता (Alertness) की आवश्यकता होती है। टीम ने एक व्यवस्थित प्रक्रिया (Systematic Process) के माध्यम से इन फोन को ट्रैक किया और मालिकों को सौंपा।
निष्कर्ष
Kanpur Commissionerate की क्राइम ब्रांच की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक (Technology) का सही उपयोग करके चोरी और खोए हुए मोबाइल फोन को वापस पाया जा सकता है। यह प्रयास न केवल पुलिस की कड़ी मेहनत (Hard Work) को दर्शाता है, बल्कि आम जनता के विश्वास (Public Trust) को भी बढ़ाता है।
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