UP News: Ballia के गंगा किनारे बसे गांव में पक्षियों का अद्भुत बसेरा, हर पेड़ पर हजारों पक्षियों का वास

UP News: Ballia शहर से सटे गंगा नदी के किनारे एक ऐसा अद्भुत गांव है जहां हर पेड़ पर हजारों पक्षियों का बसेरा है। श्रीरामपुर घाट के पास स्थित इस गांव में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अपना घर बनाए हुए हैं। बगुला, गौरैया, तोता और अन्य कई प्रजातियों के पक्षी यहां देखे जा सकते हैं, जो गंगा नदी में मछलियों को पकड़ने के लिए गोताखोरी तक करते हैं।

गांव के लोग इन पक्षियों को मेहमान के तौर पर मानते हैं और उनकी विशेष देखभाल करते हैं। उनका कहना है कि हर साल ये पक्षी अंडे देने के लिए गांव में आते हैं, और उनकी चहचाहट से पूरा गांव गूंज उठता है। यह दृश्य गांव के हर व्यक्ति को अत्यधिक खुशी देता है और वे इसे एक विशेष अवसर के रूप में मानते हैं।

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UP News: Ballia गांव वाले न केवल इन पक्षियों का स्वागत करते हैं, बल्कि उनकी रक्षा भी करते हैं। कोई भी शिकारी इन पक्षियों का शिकार करने की हिम्मत नहीं कर पाता है, क्योंकि गांव वाले इनकी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप, यह गांव पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल बन गया है।

गंगा नदी में स्नान और पूजा करने आने वाले लोगों के लिए यह दृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इंसानी बस्ती के बीच पक्षियों की कॉलोनी एक चर्चा का विषय बन गई है और लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

UP News: Ballia एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमारे गांव में हर साल हजारों पक्षी आते हैं और यहां अंडे देते हैं। हम उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं और उनकी सुरक्षा करते हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे गांव में इतने सारे पक्षी आते हैं।”

श्रीरामपुर घाट के पास का यह गांव पक्षियों के साथ इंसानों के सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह दृश्य न केवल पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित करता है, बल्कि उन लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है जो प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण में रुचि रखते हैं

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गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है और वे इसे आगे भी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे बच्चों को भी पक्षियों के प्रति स्नेह और उनकी सुरक्षा के महत्व को सिखाते हैं।

UP News: Ballia इस गांव में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की उपस्थिति ने इसे एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय स्थल बना दिया है। यह न केवल स्थानीय पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में भी मददगार साबित हो रहा है।

गंगा किनारे स्थित इस गांव का यह अद्भुत दृश्य सचमुच में देखने लायक है। यह दर्शाता है कि कैसे इंसान और प्रकृति साथ-साथ रह सकते हैं और एक-दूसरे की रक्षा कर सकते हैं।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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