Lucknow News: कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को उस समय एक बड़ा झटका लगा जब एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने उनकी निगरानी याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर अशोभनीय टिप्पणी और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के नाम के साथ जोड़ने के मामले में दाखिल की गई थी।
याचिका का मामला
पवन खेड़ा ने सीजेएम कोर्ट द्वारा उनकी डिस्चार्ज अर्जी खारिज करने के आदेश के विरुद्ध निगरानी याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ दर्ज मामले को खारिज किया जाए।
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अदालत का फैसला
एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में पर्याप्त आधार हैं और केस को जारी रखने की आवश्यकता है। न्यायाधीश ने पवन खेड़ा के तर्कों को अस्वीकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
मामला क्या है?
Lucknow News: पवन खेड़ा पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर अशोभनीय टिप्पणी की थी और इस मामले को गौतम अडानी के नाम के साथ जोड़ने की कोशिश की थी। इस बयान के बाद पवन खेड़ा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है और कहा है कि वे पवन खेड़ा के साथ खड़े हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह मामला राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और वे इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।
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Lucknow News: राजनीतिक हलचल
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। विपक्षी दलों ने पवन खेड़ा का समर्थन किया है और इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। वहीं, सत्ताधारी पार्टी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए।
Lucknow News: निष्कर्ष
पवन खेड़ा की निगरानी याचिका खारिज होने से यह मामला और भी गंभीर हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इस फैसले के बाद क्या कदम उठाती है और पवन खेड़ा अपने बचाव में आगे क्या तर्क पेश करते हैं। अदालत के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि मामले की जांच और सुनवाई जारी रहेगी और पवन खेड़ा को इस मामले में अदालत का सामना करना पड़ेगा।
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