Gonda जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने सरकार के दोहरे मापदंड और भेदभाव के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। यह धरना प्रदर्शन प्रेरणा एप के माध्यम से ऑनलाइन अटेंडेंस और कम मानदेय को लेकर किया गया। शिक्षक और कर्मचारी गोंडा जिले के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों से जुटे और 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित कर गोंडा की जिला अधिकारी नेहा शर्मा को सौंपा।
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मुख्य मांगें और आरोप
- 24 घंटे की ड्यूटी से मुक्ति: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के अध्यापकों और कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें 24 घंटे की ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
- मानदेय में वृद्धि: उन्होंने अपने मानदेय में वृद्धि की भी मांग की है। वर्तमान में उन्हें 20-25 हजार रुपए प्रति माह मिलता है, जबकि वे 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। इसके मुकाबले, परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को 80 से 90 हजार रुपए की सैलरी दी जाती है, और वे केवल 6 घंटे ड्यूटी करते हैं।
- ऑनलाइन अटेंडेंस से मुक्ति: शिक्षकों और कर्मचारियों ने ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था को लेकर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद उनकी ऑनलाइन उपस्थिति वापस ले ली गई, लेकिन उनके साथ ऐसा क्यों नहीं किया गया।
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प्रदर्शन की जानकारी
प्रदर्शन के दौरान, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की प्रभारी वार्डन आशा पांडेय ने कहा कि वे तभी ऑनलाइन उपस्थिति देंगे जब परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों की भी ऑनलाइन उपस्थिति ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे जन आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
प्रदर्शन का माहौल
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के चौकीदार अनिल मिश्रा ने बताया कि उन्हें भी 24 घंटे ड्यूटी दी जाती है और वे भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की तरह सुविधाएं और मानदेय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उन्हें परेशान कर रही है।
अंत में
Gonda: प्रदर्शन के दौरान, शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई और सरकार से अपनी मांगों को मानने की अपील की। इस धरना प्रदर्शन ने गोंडा जिले में सरकार के प्रति नाराजगी और असंतोष को स्पष्ट रूप से उजागर किया है।
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