UP News: फतेहपुर में शिक्षकों का ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ विरोध

UP News: प्रदेश भर में शिक्षकों पर सरकार द्वारा ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिकंजा कसने के बावजूद शिक्षक आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। योगी सरकार के फरमान की फतेहपुर में जमकर नाफरमानी हो रही है। रोज शिक्षक कहीं न कहीं कोई ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। जिले में नाम मात्र पर ही ऑनलाइन अटेंडेंस हो रही है, जबकि अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक ऑफलाइन अटेंडेंस ही ले रहे हैं।

शिक्षकों का कहना है कि सरकार हमारी मांगें नहीं मान रही है और इसके बावजूद हमें नाकारा घोषित करने में लगी है। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि सरकार की मंशा शिक्षा का निजीकरण करना है, जो कहीं न कहीं सरकार का फेलियर है। उनका मानना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के माध्यम से सरकार शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है और यह शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने का प्रयास है।

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UP News: शिक्षकों के इस विरोध का मुख्य कारण ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली के खिलाफ है, जिसमें उन्हें लगता है कि यह प्रणाली उनके अधिकारों और सुविधाओं को सीमित करने का प्रयास है। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन अटेंडेंस से उनकी स्वतंत्रता और कार्यशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम शिक्षा को निजीकरण की दिशा में धकेलने का हिस्सा है, जिससे सरकारी विद्यालयों की स्थिति और खराब हो जाएगी।

फतेहपुर के कई विद्यालयों में शिक्षकों ने ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली का बहिष्कार करते हुए ऑफलाइन अटेंडेंस लेना जारी रखा है। वे यह मानते हैं कि यह प्रणाली शिक्षकों को निगरानी में रखने का एक तरीका है और यह उनकी गरिमा के खिलाफ है। शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

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UP News: शिक्षकों का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा लगाए गए आरोप असंगत हैं और उनका उद्देश्य शिक्षकों को बदनाम करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं और ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली उनकी कड़ी मेहनत को नजरअंदाज करने का प्रयास है।

इस स्थिति में, शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में जिले भर में रैलियां और विरोध प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह शिक्षकों की मांगों पर ध्यान दे और शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए। शिक्षकों का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगे और सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।

UP News: इस विरोध के बीच, सरकार और शिक्षकों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है। शिक्षकों का यह विरोध शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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