UP News: बलिया जनपद के बांसडीह तहसील अंतर्गत भोजपूरवा गांव में घाघरा नदी के कटान की वजह से तटवर्ती इलाके के लोग अपना आशियाना अपने हाथों से तोड़ने को मजबूर हो गए हैं। घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों घर कटान की चपेट में आ गए हैं। बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं सभी अपने घरों को तोड़कर दूसरी जगह पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
ग्रामीणों की स्थिति:
घाघरा नदी के कटान से प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ विभाग कटान को रोकने के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन बाढ़ राहत के नाम पर कोई सुविधा नहीं दे रहा है। इस गंभीर स्थिति में ग्रामीणों को खुद ही अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश करनी पड़ रही है।
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UP News: प्रशासन की प्रतिक्रिया:
घाघरा नदी के कटान से प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे बलिया के जिलाधिकारी ने कहा कि लेखपाल की रिपोर्ट के मुताबिक 13 लोगों का घर टूट चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवारों को विस्थापित किया जा रहा है और जो भी नुकसान हुआ है उसका मुआवजा भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का सही आकलन किया जाएगा।
बाढ़ विभाग की कार्यवाही:
बाढ़ विभाग पर ग्रामीणों के आरोपों के बाद, जिलाधिकारी ने बाढ़ विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि कटान को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत पहुंचाने और कटान को रोकने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाए जाएंगे।
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UP News: ग्रामीणों की अपील:
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द बाढ़ राहत और पुनर्वास के उपाय करें। उन्होंने मांग की है कि बाढ़ विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।
UP News: निष्कर्ष:
बलिया जनपद के भोजपूरवा गांव में घाघरा नदी के कटान से सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रशासन और बाढ़ विभाग को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए राहत और पुनर्वास के उपाय करने की आवश्यकता है। इस संकट की घड़ी में प्रभावित लोगों को सहायता और समर्थन की सख्त जरूरत है।
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