Ghaziabad: जिले में अपनी पहचान को लेकर ट्रांसजेंडर संबंधित एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है। गाजियाबाद प्रशासन ने महिला से पुरुष बने एक व्यक्ति को ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र जारी किया है। यह जिले में इस प्रकार का पहला प्रमाण पत्र है और इसे जिला कल्याण विभाग द्वारा जारी किया गया है।
ट्रांसजेंडर समुदाय की कानूनी लड़ाई
ट्रांसजेंडर समुदाय लंबे समय से अपनी सामाजिक और कानूनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेशों के माध्यम से उनके अधिकारों को संरक्षित किया है, लेकिन समाज में अभी भी उन्हें समान दृष्टि से नहीं देखा जाता है, जिससे वे अक्सर भेदभाव का शिकार होते हैं।
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प्रमाण पत्र की प्रक्रिया
Ghaziabad में 28 वर्षीय एक युवती, जो अब ट्रांसजेंडर (पुरुष) बन चुकी है, ने मई 2024 में जिला एमएमजी अस्पताल के चिकित्सकों की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएमओ कार्यालय में ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र के लिए अर्जी दी थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर यह अर्जी दी गई थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने कहा, “युवती से ट्रांसजेंडर (पुरुष) बने इस व्यक्ति का प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह गाजियाबाद में इस प्रकार का पहला मामला है और इसका प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है।”
सामाजिक दृष्टिकोण
यह मामला ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और उनके पहचान की स्वीकृति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समाज में समान दृष्टि से देखे जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, इस प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करना एक सकारात्मक दिशा में बढ़ाया गया कदम है।
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Ghaziabad: निष्कर्ष
Ghaziabad में महिला से पुरुष बने व्यक्ति को ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र जारी करना एक महत्वपूर्ण घटना है। यह न केवल ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की स्वीकृति को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में समान दृष्टि से देखे जाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की घटनाएं समाज में जागरूकता और स्वीकृति को बढ़ावा देने में सहायक होंगी।
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