Ghazipur में मीटर रीडरों ने करोड़ों रुपये के घोटाले और धोखाधड़ी के खिलाफ राज्यसभा सांसद डा० संगीता बलवंत से मिलकर अपनी समस्याओं को रखा और उन्हें एक पत्रक सौंपा। गाजीपुर के बिजली विभाग के प्राइवेट कर्मी अपने बकाया वेतन और ईपीएफ की मांग को लेकर सांसद के पास पहुंचे थे। मीटर रीडरों का आरोप है कि विभाग द्वारा अधिकृत प्राइवेट कंपनियों ने उनके करोड़ों रुपये का बकाया लगाकर भाग गए हैं, जबकि विभाग अब नई कंपनी को लाकर काम कराने की कोशिश कर रहा है।
राज्यसभा सांसद डा० संगीता बलवंत ने पूर्वांचल विद्युत वितरण के एमडी को फोन मिलाया, लेकिन एमडी ने उनका फोन नहीं उठाया। सांसद ने कहा, “एमडी ने फोन नहीं उठाया, कॉल बैक आएगी तो बात करूंगी।” उन्होंने मीटर रीडरों को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्या के समाधान के लिए पूरी कोशिश करेंगी।
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यह मामला तब प्रकाश में आया जब बिजली विभाग के द्वारा अधिकृत प्राइवेट कंपनियों, युवा शक्ति, एन सॉफ्ट और स्टर्लिंग, ने विभाग के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये बकाया लगाकर भाग गए। मीटर रीडरों का कहना है कि विभाग अब चौथी कंपनी को लाकर फिर नए शर्तों पर काम करना चाहता है और पुराने बकायों पर चुप हो गया है। यह मुद्दा 35 सौ कर्मियों के करोड़ों रुपये के भुगतान से जुड़ा हुआ है जो उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से फंसा हुआ है।
राज्यसभा सांसद डा० संगीता बलवंत ने मीटर रीडरों को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। उन्होंने कहा, “ये सभी मेरे भाई हैं और उनकी समस्या का समाधान के लिए मैं पूरा प्रयास करूंगी।”
मीटर रीडरों ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि तीनों कंपनियों ने उनके 35 सौ कर्मियों का करोड़ों रुपये बकाया लगाकर भाग गई हैं और अब नई कंपनी से पहले से भी कम वेतनमान पर काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि कम से कम चार माह का बकाया वेतन और ढाई साल का बकाया ईपीएफ दिलाया जाए, तभी हम लोग काम पर लौटेंगे।”
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उन्होंने इस घोटाले और धोखाधड़ी की जांच सरकारी जांच एजेंसियों से कराने की भी मांग की है। मीटर रीडरों ने राज्यसभा सांसद डा० संगीता बलवंत को ज्ञापन दिया और उनसे न्याय की गुहार लगाई। सांसद ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनकी आवाज उठाकर न्याय दिलाएंगी।
इस मामले ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। मीटर रीडरों का प्रदर्शन और उनकी मांगें इस बात की ओर संकेत करती हैं कि कैसे प्राइवेट कंपनियों और अधिकारियों की मिलीभगत से आम लोगों का हक मारा जा रहा है।
Ghazipur: इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और बिजली विभाग के कर्मियों में रोष व्याप्त है और वे प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मीटर रीडरों का यह संघर्ष उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
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