Hathras News in Hindi: बाबा साकार विश्वहारी का कानपुर में आश्रम: ग्रामीणों में भय और सरकारी जमीन पर कब्जे का विवाद


Hathras News in Hindi:कानपुर के बिधनू में करसुई गांव के किनारे बाबा साकार विश्वहारी का आश्रम स्थित है। यहां पर आश्रम के सामने बने रास्ते से ग्रामीणों को निकलने में आए दिन विवाद होता है। लेकिन बाबा के भक्तों के भय से ग्रामीण कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। एक बुजुर्ग ने अपनी आपबीती हमे बताई। बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें आश्रम के सामने से निकलने में रोका जाता है, कहा जाता है कि खेत से आया जाया करो। इस बात को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा है।

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बाबा साकार विश्वहारी के आश्रम की हकीकत जानने के लिए कानपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर बिधनू थाना क्षेत्र में स्थित करसुई गांव के किनारे आश्रम पर पहुंची। यहां पर हमें आश्रम गेट पर करसुई गांव निवासी जगदीश स्वरूप ने बताया कि सेवादार की 32 कमेटी बनी है, जिसमें हर कमेटी में 100 लोग हैं जो बारी-बारी से अपनी सेवादारी करने आते हैं। यहां पर सेवादार महिलाएं और पुरुष रहते हैं, जो आश्रम में रहकर पूजा-पाठ करने के साथ अपनी शारीरिक सेवा देते हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में रोजाना सुबह 11 बजे और शाम को सात बजे आरती होती है, जिसमें सेवादार के साथ आसपास के गांव से कुछ भक्त आश्रम में पहुंचते हैं। यह आश्रम घाटमपुर समेत आसपास के क्षेत्र में बाबा की एकमात्र स्थल है।

आश्रम के सेवादार अरविंद ने बताया कि आश्रम की देखरेख वह स्वयं करते हैं। कमेटी में वह संरक्षक के पद पर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत दो साल पहले खराब थी। यहां आकर बाबा की प्रतिमा के दर्शन किए और तबियत सही हो गई। तब से वह यहीं रहकर सेवादारी कर रहे हैं।

ग्रामीणों के अनुसार, मनीष सचान का आश्रम की जमीन का विवाद चल रहा है। आरोप है कि मनीष सचान की जमीन पर आश्रम बनवा दिया गया। अब आश्रम के द्वारा उन्हें पीछे जमीन दी जा रही है, जिसको लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा है। कई बार थाना चौकी भी हो चुकी है। बीते दो वर्ष पहले जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट हुई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की थी, लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैं।

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कसुई गांव में बाबा के आश्रम का भय व्याप्त है। गांव निवासी अशोक बताते हैं कि आश्रम के आगे से उनके खेत को जाने के लिए रास्ता है। जब आश्रम बना तो उन्हें लगा कि अब खेत में आने-जाने के लिए रास्ता साफ-सुथरा हो गया। उन्हें क्या पता था कि बाबा के लोग उन्हें वहां से निकलने नहीं देंगे। जब वह लोग अपने खेतों में जाने के लिए आश्रम के सामने से निकलते हैं, तो यहां पर अध्यक्ष उन्हें रोकते हैं। कई बार तो मारपीट के साथ थाना चौकी तक हो चुका है, लेकिन पुलिस आश्रम का पक्ष लेती है, जिसके चलते ग्रामीणों में डर का माहौल है। आश्रम के प्रति कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

बाबा साकार विश्वहारी और ग्रामीणों का संघर्ष
कानपुर के ग्रामीण क्षेत्र में आश्रम की उपस्थिति ने स्थानीय लोगों के बीच तनाव और विवाद का माहौल पैदा कर दिया है। कई गांववाले आरोप लगाते हैं कि आश्रम के अनुयायियों द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है और उनके रास्ते में बाधा डाली जाती है। Hathras news ने भी इस विवाद को अपनी सुर्खियों में शामिल किया है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

विवाद की जड़: सरकारी जमीन पर कब्जा
इस विवाद की एक महत्वपूर्ण जड़ सरकारी जमीन पर कथित कब्जा है। कई ग्रामीणों का दावा है कि बाबा साकार विश्वहारी के अनुयायियों ने उनकी निजी जमीनों पर अवैध कब्जा किया है। मनीष सचान का केस इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जहां उनके और आश्रम के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। Kanpur ashram controversy अब एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, जिसमें स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है।

ग्रामीणों का डर और न्याय की मांग
ग्रामीणों में बाबा साकार विश्वहारी के अनुयायियों का डर व्याप्त है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है। पुलिस पर भी आश्रम का पक्ष लेने के आरोप लगते रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में निराशा और भय का माहौल बना हुआ है। Baba Sakar Vishwahari के आश्रम से जुड़े विवादों की सच्चाई जानने के लिए एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीणों को न्याय मिल सके।

बाबा साकार विश्वहारी का अनुयायी नेटवर्क
बाबा साकार विश्वहारी के अनुयायियों का एक बड़ा नेटवर्क है, जो उनकी गतिविधियों को संचालित करता है। Land dispute और अन्य विवादों के बावजूद भी उनके अनुयायियों की संख्या में कमी नहीं आई है। इन अनुयायियों का मानना है कि बाबा की पूजा से उन्हें मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है। इसके बावजूद, ग्रामीणों के साथ उनके संबंधों में खटास बनी हुई है, जो लगातार बढ़ती जा रही है।

Hathras पुलिस और प्रशासन की भूमिका
इस पूरे विवाद में पुलिस और प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस हमेशा आश्रम का पक्ष लेती है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करती है। इस स्थिति में सुधार के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि सच सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। Rural fear और सरकारी जमीन पर कब्जे के इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।

Baba Sakar Vishwahari के आश्रम का क्या महत्व है?

बाबा साकार विश्वहारी का आश्रम धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है, जहां उनके अनुयायी पूजा-पाठ और सेवा कार्य करते हैं।

आश्रम के विवाद का मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण सरकारी जमीन पर कब्जा और ग्रामीणों के रास्ते में बाधा डालने का है।

ग्रामीणों का आश्रम से क्या शिकायत है?

ग्रामीणों की शिकायत है कि उन्हें आश्रम के सामने से गुजरने नहीं दिया जाता और उनके रास्ते में बाधा डाली जाती है।

Hathras पुलिस की भूमिका पर सवाल क्यों उठते हैं?

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस हमेशा आश्रम का पक्ष लेती है और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज करती है।

इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि सच सामने आ सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

आश्रम के अनुयायियों की संख्या में कमी क्यों नहीं आई?

आश्रम के अनुयायी बाबा की पूजा से मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त करने का दावा करते हैं, जिससे उनकी संख्या में कमी नहीं आई है।

Conclusion
Hathras news: में शामिल कानपुर के आश्रम विवाद ने कई सवाल खड़े किए हैं। बाबा साकार विश्वहारी के अनुयायियों और ग्रामीणों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए प्रशासन को निष्पक्षता से कार्य करना होगा। सरकारी जमीन पर कब्जे के विवाद को सुलझाने के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी है, ताकि ग्रामीणों को न्याय मिल सके और वे बिना भय के अपने जीवन को जी सकें।

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मैं सुमित कुमार एक पत्रकार हूं जो सभी राज्यों की स्थानीय खबरों को कवर करता हूं। मेरे द्वारा रिपोर्ट की गई खबरें समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाओं को उजागर करती हैं, जिससे जनता को सही और सटीक जानकारी मिलती है। मुझे पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की आवाज बनना और उनके मुद्दों को मुख्यधारा में लाना पसंद है।
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