उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ। यहां साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था, जिसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। करीब पौने दो बजे सत्संग समाप्त हुआ और बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। इसी दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 116 लोगों की मौत की खबर है। इस बड़े हादसे के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा कौन हैं, जिनके सत्संग में इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी मौजूद थे। आइए जानते हैं बाबा साकार हरि उर्फ भोले बाबा के बारे में-
- सूरज पाल सिंह असली नाम है बाबा का
- 21 बीघे में बना है बाबा भोले का आलीशान आश्रम राम कुटीर
- आश्रम के अंदर मौजूद हैं बाबा के दर्जनों समर्थक
- पहले भी बाबा भोले पर हो चुका है केस दर्ज
- समर्थकों के मुताबिक़ बाबा भोले आश्रम में एकांतिक प्रवास पर है
- पुलिस विभाग में कांस्टेबल रहे है
- 1990 के आसपास इन्होंने नौकरी छोड़ी है पुलिस की
- बहादुर नगर गाँव है पटियाली तहसील में बाबा
- अमीर खुसरो की जन्मभूमि है इसलिए ये फेमस जगह है
- पत्नी बाबा के साथ रहती है, बच्चे नही है बाबा के
- गाँव मे करीब डेढ साल पहले आए थे
- गाँव की जमीन को ट्रस्ट बनाया है बाबा ने
- राजस्थान में भी काफी प्रभाव है आश्रम है वहा काफी बड़ा
- ये बाबा फिलहाल कहा है ये जांच का विषय है
- परिवार में माता पिता की मौत हो गई काफी पहले, तीन भाई है बाबा कुल एक छोटा और बाबा खुद अभी यूपी में रहते है आगरा अलीगढ़ राजस्थान तीनो जगह बाबा रहते है
- एक भाई की पहले मौत हो चुकी है
- आगरा में एक बच्ची की मत्यु हुई थी उस वक्त बाबा ने दावा किया की में बच्ची को जिंदा कर दूँगा तब बाबा को जेल हुई थी आगरा में
- ये जानकारी गाँव से मिली है
- कांसगंज पुलिस ने यह जानकारी बाबा के पैतृक गाँव से मिली है
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साकार हरि बाबा, जिन्हें भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है, का असली नाम सूरज पाल सिंह है। बाबा कासगंज के पटियाली के निवासी हैं। करीब 17 साल पहले उन्होंने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ दी और सत्संग करना शुरू किया। नौकरी छोड़ने के बाद सूरज पाल ने अपना नाम बदलकर साकार हरि रख लिया। अनुयायी उन्हें भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं।
सूट-बूट में रहते हैं बाबा
बाबा के बारे में कहा जाता है कि वे पहले यूपी पुलिस में दरोगा थे, जबकि कुछ लोग उन्हें आईबी से भी जोड़ते हैं। इसीलिए वे पुलिस के तौर-तरीकों से अच्छी तरह परिचित हैं। उन्होंने वर्दीधारी स्वयंसेवकों की एक बड़ी फौज खड़ी की है, जिसमें उनकी पुलिस की पृष्ठभूमि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबा आम साधु-संतों की तरह गेरुआ वस्त्र नहीं पहनते, बल्कि वे अक्सर महंगे गॉगल और सफेद पैंट-शर्ट में नजर आते हैं।
यहां स्थित है बाबा का आश्रम
भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील के बहादुरनगर गांव में स्थित है, जो उनका पैतृक गांव भी है। बहादुरनगर में बाबा का एक बड़ा आश्रम है। पहले यहां हर महीने के पहले सप्ताह के मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन कुछ साल पहले यह परंपरा टूट गई।