Jammu Aligarh News: जम्मू हादसे में मृत हुए 11 श्रद्धालुओं की अलीगढ़ के नाया गांव में एक साथ जली चिताएं, गांव में मची चीत्कार

Jammu Aligarh News: जम्मू हादसे में मृत हुए 11 श्रद्धालुओं की अलीगढ़ के नाया गांव में एक साथ जली चिताएं, गांव में मची चीत्कारजम्मू के अखनूर में हुए बस हादसे में मृत हुए अलीगढ़ के 11 लोगों के शव शनिवार की देर रात्रि इगलास क्षेत्र के गांव नाया पहुंचे। यहां गमगीन माहौल में एक साथ 11 चिताओं को मुखाग्नि दी गई। सभी की एक साथ 11 चिताएं जलने से गांव में चीखें गूंजने लगीं। हर किसी की आंखें नम थीं। गांव में शोक व्यक्त करने के लिए हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। जम्मू से आए ताबूत में अपनों के शवों को देखकर परिवारीजनों और ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल था।

आपको बता दें कि 28 मई को हाथरस से जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन और शिवखोड़ी के लिए एक बस रवाना हुई थी। जिसमें अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र के गांव नाया से करीब 45 यात्री दर्शन के लिए गाजे-बाजे के साथ रवाना हुए थे। तीर्थयात्रियों से भरी बस जैसे ही जम्मू के अखनूर में पहुंची, तभी किसी वाहन को बचाने के प्रयास में अनियंत्रित होकर एक गहरी खाई में पलट गई। हादसे में 22 लोगों की मौत हुई, जबकि पांच दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए। मृतक यात्रियों में अलीगढ़ के गांव नाया के करीब 12 ग्रामीण शामिल थे। जिनके शवों को शनिवार की देर रात तक जम्मू से दो ट्रेन के माध्यम से पहले मथुरा जंक्शन लाया गया, यहां से एंबुलेंस से अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र के गांव नाया ले जाया गया।

नाया में जैसे ही मृतक ग्रामीणों के 11 शव पहुंचे, वैसे ही तमाम लोगों की भीड़ शवों को देखने के लिए उमड़ पड़ी। आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में ग्रामीण गांव नाया पहुंच गए। शवों के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों में चीख-पुकार मच गई। परिवारीजनों का ताबूत में रखे शवों को देखकर रो-रोकर बुरा हाल था। बाद में जैसे-तैसे गमगीन माहौल के बीच प्रशासन के द्वारा सभी 11 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार कराया गया। मृतक श्रद्धालुओं में तीन बच्चों के भी शव थे। जिन्हें देखकर ग्रामीणों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

इस हादसे ने पूरे गांव में शोक की लहर फैला दी है। गांव में हर तरफ गम और शोक का माहौल है। प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने का प्रयास किया है, लेकिन इस दुखद घटना ने गांव नाया को गहरे शोक में डुबा दिया है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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