Kasganj: साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा अपने जन्मस्थान बहादुर नगर पहुंचे, जहां उन्होंने एक बयान दिया कि वे हाथरस में 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत चिंतित हैं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, एक दिन तो जाना ही है। इस बयान ने मृतक के परिजनों में गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है।
परिजनों की प्रतिक्रिया:
जब हमारी टीम ने मृतक के परिजनों से बात की, तो उन्होंने कहा, “भोले बाबा हमारे गांव से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर हैं, क्या वे हमारे घर नहीं आ सकते? बाबा को कोई अफसोस नहीं, हमारी मां खत्म हुई है, हमसे पूछो कि हमें कितना दर्द हो रहा है।” यह बयान दर्शाता है कि परिजनों को बाबा के बयान से गहरी चोट पहुंची है और वे अपेक्षा कर रहे थे कि बाबा व्यक्तिगत रूप से आकर संवेदना प्रकट करेंगे।
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Kasganj: भक्तों की प्रतिक्रिया:
भोले बाबा के भक्तों ने उनके बयान का समर्थन किया और कहा, “भोले बाबा ने सही कहा कि होनी को कोई टाल नहीं सकता है, एक दिन तो जाना ही है।” भक्तों का मानना है कि बाबा का बयान सही था और उन्होंने प्राकृतिक और अपरिहार्य घटनाओं के संदर्भ में यह बात कही थी।
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घटनाक्रम की पृष्ठभूमि:
हाथरस में 2 जुलाई को एक दुखद घटना घटी थी, जिसके बाद से क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। मृतक के परिजनों को इस घटना से गहरा सदमा पहुंचा है और वे अपने दुःख के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति की उम्मीद कर रहे थे।
Kasganj: निष्कर्ष:
इस विवाद ने सामाजिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं को उजागर किया है और यह दर्शाता है कि नेता और धार्मिक व्यक्तित्वों के बयानों का समाज पर कितना गहरा प्रभाव हो सकता है। यह घटना एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक है कि ऐसे व्यक्तित्वों को संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए।
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