मेदांता लखनऊ के अस्पताल में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक मरीज, जिसे गैस की दिक्कत थी, उसे अस्पताल के डॉक्टरों ने हार्ट में छल्ला (स्टेंट) डालने की सलाह दे दी। डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों को यह भी कहा कि यदि आधे घंटे में इलाज नहीं हुआ तो मरीज की जान जा सकती है। इस डर से परिजन तत्काल निर्णय लेने पर मजबूर हो गए।
हालांकि, मरीज के परिजनों ने सलाह के बाद किसी और अस्पताल में दूसरी राय लेने का निर्णय लिया। दूसरे अस्पताल में डॉक्टरों ने सिर्फ 125 रुपए की दवाई और तीन इंजेक्शन दिए, जिससे मरीज की स्थिति पूरी तरह से ठीक हो गई। यह जानने के बाद कि इतनी मामूली समस्या के लिए मेदांता अस्पताल ने हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी, परिजनों में गहरा रोष व्याप्त हो गया।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
यह घटना केवल मेदांता अस्पताल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक गंभीर चेतावनी है। इस प्रकार की घटनाएं मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने जैसी हैं। मरीज और उनके परिजनों को ऐसी स्थिति में पड़ना पड़ता है जहां वे डॉक्टरों पर विश्वास खो बैठते हैं।
मेदांता अस्पताल के इस कारनामे ने चिकित्सा जगत में बड़ी बहस छेड़ दी है। लोगों का कहना है कि चिकित्सा सेवाओं में नैतिकता और जिम्मेदारी की कमी नहीं होनी चाहिए। इस घटना से अस्पताल की साख पर भी बट्टा लग गया है।
मरीज के परिजनों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मामले की पूरी तरह से जांच की जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और मरीज इस प्रकार की ठगी का शिकार न हो।