Lucknow में साइबर ठगी का शिकार हुईं Professor Dr. Ruchika Tandon

Lucknow 15 august लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में एक चौंकाने वाली साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका टंडन से 2.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। जालसाजों ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट में फंसाया और बड़ी रकम ठग ली।

घटना 1 अगस्त की है जब डॉ. रुचिका टंडन, जो अपने पति डॉ. गौरव तिवारी के निधन के बाद अपनी मां के साथ मानसनगर, चाणक्यपुरी में रहती हैं, को एक अज्ञात कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (TRAI) का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं, क्योंकि उन पर 27 शिकायतें दर्ज हैं। इसके बाद उसने उन्हें स्काइप डाउनलोड करने के लिए कहा।

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स्काइप के जरिए डॉ. रुचिका की बात कथित सीबीआई अफसर राहुल गुप्ता से करवाई गई। जालसाज राहुल ने उन्हें बताया कि उनका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है और उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए किया गया है। उन्होंने यह भी धमकी दी कि उनके खिलाफ कोर्ट में सबूत हैं और उनकी रेकॉर्डिंग भी कोर्ट के पास है। इस डर से डॉ. रुचिका ने जालसाजों के बताए गए खातों में 2.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

जब डॉ. रुचिका को ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए जालसाजों के दो खातों को फ्रीज कर दिया, जिसमें 27.88 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

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यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरों को उजागर करती है, जहां शिक्षित और जागरूक लोग भी जालसाजों के जाल में फंस सकते हैं। लखनऊ पुलिस मामले की जांच कर रही है और जालसाजों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। इस घटना ने साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता को और भी स्पष्ट कर दिया है।

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