Ayodhya: राम जन्मभूमि में 700 मीटर लंबा आंतरिक कॉरिडोर, राममंदिर और कुबेर टीला को जोड़ेगा

Ayodhya: राम जन्मभूमि परिसर में एक महत्वपूर्ण विकास के तहत आंतरिक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरिडोर के माध्यम से राममंदिर, सप्त मंडपम, और कुबेर टीला को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे राममंदिर के श्रद्धालु इन सभी स्थलों पर आसानी से पहुंचकर दर्शन कर सकेंगे। यह आंतरिक कॉरिडोर लगभग 700 मीटर लंबा होगा और इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू करने की तैयारी है।

इस नए कॉरिडोर का निर्माण राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा, जो अयोध्या में राममंदिर और अन्य संबंधित धार्मिक स्थलों के विकास और प्रबंधन का कार्य करता है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए एक सुगम और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करना है, जिससे वे बिना किसी बाधा के इन पवित्र स्थलों तक पहुंच सकें।

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Ayodhya: कॉरिडोर का निर्माण करने वाली टीम ने बताया कि इस परियोजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाएगा और इसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर के निर्माण से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि अयोध्या में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। श्रद्धालु अब आसानी से सप्त मंडपम और कुबेर टीला तक पहुंच सकेंगे, जो राम जन्मभूमि परिसर के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं।

Ayodhya: परियोजना के तहत कॉरिडोर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कॉरिडोर का निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होने की संभावना है और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है।

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Ayodhya: श्रद्धालुओं के बीच इस आंतरिक कॉरिडोर के निर्माण को लेकर काफी उत्साह है। वे इसे एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं जो राममंदिर के दर्शन को और भी सहज और सुगम बनाएगा। स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों ने भी इस परियोजना का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे अयोध्या के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

Ayodhya: राम जन्मभूमि परिसर में आंतरिक कॉरिडोर के निर्माण से क्षेत्र का सौंदर्य और महत्व भी बढ़ेगा। इसके साथ ही, इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण पहल है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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