Ayodhya रामलला मंदिर में पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू

Ayodhya रामलला मंदिर में सेवा करने वाले पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। इस नए ड्रेस कोड के अनुसार, पुजारियों को पीतांबरी चौबंदी (पीले रंग की विशिष्ट पोशाक), धोती और सिर पर साफा (पगड़ी) पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, उन्हें 5 घंटे की शिफ्ट में सेवा करनी होगी। इस कदम का उद्देश्य मंदिर की गरिमा और परंपरा को बनाए रखना है।

नया ड्रेस कोड

रामलला मंदिर के पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है, जिसमें वे पीतांबरी चौबंदी, धोती और सिर पर साफा पहनेंगे। यह निर्णय मंदिर की गरिमा और परंपरा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह ड्रेस कोड पुजारियों की एकरूपता और मंदिर की आस्था को दर्शाता है।

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सेवा का समय

पुजारियों की सेवा की शिफ्ट को 5 घंटे की अवधि में विभाजित किया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत पुजारी नियमित रूप से 5 घंटे की शिफ्ट में अपनी सेवा देंगे। इस कदम का उद्देश्य पुजारियों की थकान को कम करना और उन्हें बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए सक्षम बनाना है।

Ayodhya: प्रशासन का बयान

मंदिर प्रशासन ने इस बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “नए ड्रेस कोड और सेवा की शिफ्ट का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और अनुशासन को बनाए रखना है। इससे पुजारियों को एक समान और व्यवस्थित ढंग से सेवा करने का अवसर मिलेगा।”

पुजारियों की प्रतिक्रिया

पुजारियों ने इस नए ड्रेस कोड और सेवा शिफ्ट का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय उन्हें एकरूपता और गरिमा के साथ सेवा करने में मदद करेगा। एक पुजारी ने कहा, “यह नया ड्रेस कोड हमें हमारी परंपरा से जोड़ता है और हमें गर्व महसूस कराता है। सेवा की नई शिफ्ट व्यवस्था भी हमारे लिए लाभदायक होगी।

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श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

श्रद्धालुओं ने भी इस नए ड्रेस कोड और सेवा व्यवस्था की सराहना की है। उनका मानना है कि इससे मंदिर का माहौल और भी पवित्र और व्यवस्थित होगा। एक श्रद्धालु ने कहा, “रामलला मंदिर में आने पर हमें अब पुजारियों की एकरूपता और उनकी सेवा का अनुशासन देखने को मिलेगा, जो हमारी आस्था को और मजबूत करेगा।”

फायदों की सूची

इस नए ड्रेस कोड और सेवा शिफ्ट के कई फायदे हैं:

  1. पवित्रता बनाए रखना: नया ड्रेस कोड मंदिर की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने में मदद करेगा।
  2. एकरूपता: सभी पुजारियों के एक जैसे कपड़े पहनने से एकरूपता बनी रहेगी।
  3. थकान में कमी: 5 घंटे की शिफ्ट से पुजारियों की थकान में कमी आएगी और वे बेहतर सेवा दे पाएंगे।
  4. आस्था में वृद्धि: श्रद्धालुओं को पुजारियों की एकरूपता और अनुशासन देखकर उनकी आस्था और मजबूत होगी।

Ayodhya: निष्कर्ष

रामलला मंदिर में पुजारियों के लिए लागू किए गए नए ड्रेस कोड और सेवा शिफ्ट ने मंदिर की गरिमा और अनुशासन को बढ़ाया है। यह कदम पुजारियों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए लाभदायक साबित होगा और मंदिर की परंपरा को और मजबूत करेगा।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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