UP Government का नया नियम: 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

UP Government का नया नियम: 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल ने एक नई नीति लागू की है जिसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और नाबालिगों के बीच यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकना है।

राज्य सरकार के इस निर्णय के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर अब से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी नाबालिग को पेट्रोल या डीजल की बिक्री नहीं की जाए। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस निर्णय की घोषणा करते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कदम सड़क सुरक्षा और युवाओं की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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UP Government: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस नई नीति का उद्देश्य न केवल नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकना है, बल्कि उन्हें सुरक्षित जीवन शैली की ओर प्रेरित करना भी है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में नाबालिगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था।

पेट्रोल पंप मालिकों और कर्मचारियों को इस नई नीति का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि पेट्रोल पंपों पर निगरानी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि नाबालिगों को पेट्रोल या डीजल बेचने के किसी भी प्रयास को रोका जा सके।

UP Government: इन बदलावों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पेट्रोल पंपों पर नियमित रूप से निरीक्षण किए जाएंगे और यदि किसी पंप पर इस नीति का उल्लंघन पाया जाता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। पेट्रोल पंप संचालकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे हर ग्राहक की आयु का प्रमाणपत्र जांचें और सुनिश्चित करें कि वे 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं।

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इस निर्णय का स्वागत करते हुए कई अभिभावकों ने कहा कि यह कदम उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनके बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि उन्हें यातायात नियमों के प्रति अधिक जागरूक भी किया जा सकेगा।

UP Government: हालांकि, कुछ लोगों ने इस निर्णय की आलोचना भी की है। उनका कहना है कि इससे कुछ नाबालिगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां परिवहन सुविधाएं सीमित होती हैं।

राज्य सरकार ने कहा है कि इस नीति का उद्देश्य किसी को कठिनाई में डालना नहीं है बल्कि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। उन्होंने जनता से इस निर्णय का समर्थन करने और अपने बच्चों को सुरक्षित रखने में योगदान देने की अपील की है।

UP Government: इस नई नीति के लागू होने के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इससे सड़क सुरक्षा में कितना सुधार होता है और नाबालिगों के बीच यातायात नियमों के उल्लंघन में कितनी कमी आती है। राज्य सरकार इस नीति के प्रभाव का मूल्यांकन करेगी और आवश्यकतानुसार इसमें संशोधन भी कर सकती है।

इस नीति के सफल कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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