Chamoli: जोशीमठ में निर्माणाधीन हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर भारी भूस्खलन हुआ है। इस भूस्खलन की चपेट में एक कंटेनर भी आ गया है। इसके अलावा, बड़े-बड़े बोल्डर भी निर्माणाधीन बाईपास पर आ गिरे हैं, जिससे बाईपास का निर्माण कार्य प्रभावित हो गया है।
भूस्खलन का विवरण
भूस्खलन के कारण हेलंग मारवाड़ी बाईपास के मारवाड़ी साइड पर निर्माण कार्य में लगे बीआरओ (बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन) के कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बाईपास अभी निर्माणाधीन है और इसकी पूर्णता के बाद हेलंग से बद्रीनाथ जाने वाली गाड़ियाँ जोशीमठ शहर में बिना प्रवेश किए सीधे हेलंग से मारवाड़ी होते हुए बद्रीनाथ धाम पहुँच सकेंगी।
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भूस्खलन के कारण
भूस्खलन का कारण भारी बारिश और इलाके की भूगर्भीय स्थिति को माना जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार की घटनाएँ आम हैं, लेकिन इस बार भूस्खलन की तीव्रता अधिक थी, जिसके कारण बड़े-बड़े बोल्डर भी सड़क पर आ गए।
Chamoli: बाईपास का महत्व
हेलंग मारवाड़ी बाईपास का निर्माण बीआरओ द्वारा किया जा रहा है। यह बाईपास भविष्य में जोशीमठ में जाम की समस्या को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके बनने के बाद हेलंग से बद्रीनाथ धाम जाने वाले वाहनों को जोशीमठ शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा, जिससे शहर के यातायात पर दबाव कम होगा और यात्रा सुगम होगी।
बीआरओ की प्रतिक्रिया
बीआरओ के अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के कारण उत्पन्न बाधाओं को जल्द से जल्द हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण कार्य में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस भूस्खलन की घटना पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन साथ ही उन्हें उम्मीद है कि बाईपास का निर्माण जल्द ही पूरा होगा और जोशीमठ में यातायात समस्या का समाधान होगा। उन्होंने बीआरओ से आग्रह किया है कि वे सुरक्षा के सभी आवश्यक उपाय अपनाएं ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
Chamoli: समापन
जोशीमठ में हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर हुए भूस्खलन ने निर्माण कार्य को प्रभावित किया है, लेकिन बीआरओ के त्वरित कार्रवाई के कारण बाधाओं को जल्द ही हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बाईपास के बनने से जोशीमठ में यातायात समस्या का समाधान होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
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