Uttarakhand के युवा ट्रैकिंग प्रेमियों ने एक नया रोमांचक ट्रैकिंग रूट खोजा है, जो चोपता से द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोड़ता है। यह ट्रैक दुर्गम पहाड़ी इलाकों, ग्लेशियरों, झीलों और पथरीले भू-भागों से होकर गुजरता है। आने वाले दिनों में यह रूट देश-विदेश के ट्रैकर्स की पसंदीदा मंजिल बन सकता है।
युवाओं ने खोजा नया ट्रैकिंग रूट
गौंडार गांव के अभिषेक पंवार, बडाूस गांव के संजय नेगी, नई टिहरी के विनय नेगी, और डांगी गांव के विपिन सिंह ने मिलकर इस नए ट्रैक को खोज निकाला। ट्रैकिंग दल ने 20 सितंबर को चोपता से यात्रा शुरू की, और 24 सितंबर तक इस दुर्गम मार्ग का अध्ययन किया। इस ट्रैकिंग रूट में चित्रा बड्यार, बिसुड़ीताल, अजय पास, खमदीर, शेषनाग कुंड, नंदी कुंड और अन्य कई रोमांचक स्थल शामिल हैं।
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डिजिटल मैप की मदद से यात्रा
Uttarakhand: पांच सदस्यीय दल ने इस पूरे ट्रैक को खोजने के लिए डिजिटल मैप का उपयोग किया और तीन अलग-अलग मैप तैयार किए, जिसमें ट्रैक के प्रत्येक बिंदु को दर्शाया गया है। इससे भविष्य में ट्रैकर्स के लिए यह यात्रा आसान और सुरक्षित हो जाएगी।
ट्रैकिंग का रोमांच
इस ट्रैक पर चलते हुए दल ने भरतकुंड, केदारनाथ, चौखंभा, भागीरथी और सतोपंथ जैसी पर्वत चोटियों का दूर से दीदार किया। खमदीर, जो 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इस पूरे ट्रैक का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहां से नंदी कुंड होते हुए दल द्वितीय केदार मद्महेश्वर पहुंचा।
वन और पर्यटन विभाग को सौंपेंगे रिपोर्ट
Uttarakhand: ट्रैक की खोज पूरी होने के बाद दल ने तय किया है कि वे इस रूट की पूरी रिपोर्ट वन विभाग और पर्यटन विभाग को सौंपेंगे। इससे ट्रैक को और विकसित किया जा सकेगा और इसे आधिकारिक ट्रैकिंग रूट के रूप में मान्यता दी जा सकती है।